चेक बाउंस मामले में आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर बार-बार नजरअंदाज किए गए कोर्ट के आदेश
न्यायिक दंडाधिकारी कुमारी सौम्या ने जारी किया नोटिस, पूछा – आदेश की अनदेखी क्यों?
सीवान।
मुफस्सिल थाने के थानाध्यक्ष की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। न्यायालयीय आदेश की अवहेलना करने पर प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी कुमारी सौम्या की अदालत ने उनके विरुद्ध कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। यह मामला मेसर्स प्रताप ट्रेडर्स द्वारा दायर किए गए चेक बाउंस से जुड़ा है, जिसमें आरोपी नूर आलम अंसारी के खिलाफ वाद संख्या 281/2025 विचाराधीन है।
सूत्रों के अनुसार, आरोपी नूर आलम अंसारी बार-बार कोर्ट में हाजिर होकर जमानत लेता रहा, लेकिन जमानत की शर्तों का पालन नहीं किया। इसी के मद्देनज़र अदालत ने 12 नवंबर 2024 को उसकी जमानत रद्द करते हुए बंध पत्र खंडित कर दिया था, और उसके विरुद्ध गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी कर दिया गया था।
थानाध्यक्ष ने नहीं किया आदेश का पालन
अदालत ने थानाध्यक्ष को स्पष्ट निर्देश दिया था कि आरोपी की गिरफ्तारी सुनिश्चित करें, लेकिन आदेश के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। बाद में कोर्ट ने स्मार पत्र जारी करते हुए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 के अंतर्गत आरोपी की उपस्थिति सुनिश्चित करने की प्रक्रिया शुरू की, फिर भी थानाध्यक्ष निष्क्रिय बने रहे।
कोर्ट की सख्ती, अब जवाब देना होगा
लगातार आदेशों की अवहेलना से क्षुब्ध होकर न्यायालय ने थानाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी कर यह स्पष्ट करने को कहा है कि न्यायालयीय आदेशों का पालन क्यों नहीं किया गया।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले इसी मामले में तत्कालीन न्यायिक दंडाधिकारी आलोक कुमार चतुर्वेदी ने भी थानाध्यक्ष के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 349 के अंतर्गत अवमानना की कार्रवाई का आदेश दिया था।
अब देखना होगा कि थानाध्यक्ष कोर्ट के समक्ष क्या सफाई पेश करते हैं, या इस बार भी आदेशों की अवहेलना जारी रहेगी।