सीजन की शुरुआत में 17 रुपये किलो बिक रहा तरबूज अब 3-5 रुपये में बिक रहा, किसान खुद सड़क पर बेचने को मजबूर
सीजन की शुरुआत में अच्छे दाम, अब लागत भी नहीं निकल रही
दरौली। सीवान : इस बार अच्छे मानसून और भरपूर पानी की उपलब्धता के चलते किसानों ने तरबूज और खरबूज जैसी मौसमी फसलों की बड़े स्तर पर खेती की थी। शुरुआत में जब बाजार में तरबूज की मांग ज्यादा थी, तब किसानों को प्रति किलो 14 से 17 रुपये का भाव मिल रहा था। लेकिन अब यही तरबूज 3 से 5 रुपये प्रति किलो में बिक रहा है।
स्थानीय स्तर पर बढ़ा उत्पादन, व्यापारियों ने खरीदारी बंद की
राज्य के लगभग हर जिले में किसानों ने तरबूज की खेती की है, जिससे उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसकी वजह से व्यापारियों की खरीदारी की जरूरत कम हो गई है। अब व्यापारी खेतों से तरबूज खरीदने में रुचि नहीं ले रहे हैं।
किसान खुद बन गए विक्रेता, सड़कों पर बेच रहे तरबूज
बाजार में मांग कम होने और व्यापारी नहीं खरीदने के चलते किसान खुद सड़कों और हाइवे पर तरबूज बेचने को मजबूर हैं। कई जगहों पर किसान ट्रॉली या गाड़ियों में तरबूज लेकर सीधे उपभोक्ताओं को बेच रहे हैं।
बढ़ती गर्मी के बावजूद नहीं बढ़ रहे भाव, लागत भी नहीं निकल रही
किसानों का कहना है कि इस बार भीषण गर्मी होने के बावजूद तरबूज के दामों में कोई सुधार नहीं हो रहा है। डीजल के दाम बढ़ने से परिवहन लागत भी काफी बढ़ गई है। इस हालत में उत्पादन की लागत भी पूरी नहीं हो पा रही है।
मौसमी फसल में तरबूज को दी प्राथमिकता, अब पछता रहे किसान
तरबूज को किसानों ने इसलिए प्राथमिकता दी क्योंकि इसमें कम समय में अच्छा उत्पादन मिलता है। लेकिन जब उत्पादन अधिक हो गया और मांग स्थिर रह गई, तो दाम गिरना तय था। अब किसान कह रहे हैं कि अगर यही हाल रहा तो अगली बार तरबूज की खेती सोच-समझकर करेंगे।