सीवान: दान में आई कमी से जूझ रहा ‘जामिया इस्लामिया दारुल कुरान’ मदरसा

Share

संयोजक मोहम्मद मुजीबुर रहमान की अपील— समाज आगे आए, बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए करें सहयोग

केएमपी भारत। सीवान।
बाघड़ा स्थित जामिया इस्लामिया दारुल कुरान मदरसा इन दिनों गंभीर आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। यहां वर्तमान में 50 बच्चे समाज की मदद से निशुल्क तालीम हासिल कर रहे हैं। लेकिन हाल के दिनों में दानदाताओं की रुचि में आई कमी ने मदरसे की व्यवस्था को प्रभावित किया है।

- Sponsored -

मदरसे के संयोजक मोहम्मद मुजीबुर रहमान ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि यही स्थिति बनी रही, तो बच्चों की पढ़ाई और मदरसे की नियमित गतिविधियां बाधित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि “हमारे पास कुल 6 शिक्षक हैं जो पूरी निष्ठा के साथ बच्चों को तालीम दे रहे हैं। लेकिन सीमित संसाधनों में काम करना दिन-ब-दिन कठिन होता जा रहा है।”

उन्होंने समाज के सभी वर्गों से अपील की कि शिक्षा जैसे नेक काम में अपनी भागीदारी जरूर निभाएं। “ये बच्चे हमारे समाज और देश का भविष्य हैं। इन्हें तालीम देना सिर्फ मदरसे की जिम्मेदारी नहीं बल्कि पूरे समाज का फर्ज है,” उन्होंने कहा।

- Sponsored -

मुजीबुर रहमान ने आगे कहा कि “कुछ वर्षों पहले तक समाज से सहयोग बहुत मिलता था, लेकिन अब इसमें भारी गिरावट आई है। हमें उम्मीद है कि समाज के जिम्मेदार लोग इस अपील को गंभीरता से लेंगे और एक बार फिर इस नेक कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे।”

समाज से सहयोग की दरकार:
इस मदरसे की खास बात यह है कि यहां शिक्षा के साथ-साथ नैतिक और धार्मिक मूल्यों की भी तालीम दी जाती है। गरीब और जरूरतमंद परिवारों के बच्चों के लिए यह संस्था एक उम्मीद की किरण है।

Share this article

Facebook
Twitter X
WhatsApp
Telegram
 
August 2025
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031