बंगरा गांव स्थित रघुबीर सिंह पुस्तकालय सह वाचनालय में वैदिक विधि से हुआ पितृ पूजन, भक्ति गीतों ने मोहा मन
केएमपी भारत। बंगरा (सीवान)।
“पिता जीवन हैं, संबल हैं और सृष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति हैं।” — इसी भावना के साथ बंगरा गांव स्थित स्व. रघुबीर सिंह पुस्तकालय सह वाचनालय परिवार द्वारा अंतरराष्ट्रीय पितृ दिवस पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर पुस्तकालय के संस्थापक स्वतंत्रता सेनानी स्व. रघुबीर सिंह को स्मरण करते हुए वैदिक रीति से पूजन और विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य पुजारी द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया गया। इसके बाद सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष जलेश्वर सिंह ने अपनी टीम के साथ भक्ति गीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी, जिससे उपस्थित श्रोता भावविभोर हो उठे।
सनातन संस्कृति की पहचान है पितृ दिवस
इस अवसर पर शिक्षक कुमार राजकपूर ने कहा कि पितृ दिवस का आयोजन केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति को सहेजने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि आज के समय में जब पारिवारिक मूल्य कमजोर हो रहे हैं, ऐसे आयोजनों से नई पीढ़ी को परिवार और पूर्वजों के प्रति सम्मान की प्रेरणा मिलती है।
ग्राम समाज की गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम में समाज के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इनमें प्रमुख रूप से भास्कर कुमार, तुषार कुमार, बिपुल सिंह, पिंटू कुमार, भागवत पाण्डेय, तारणि सिंह, सुहानी भास्कर, तेरस, स्वामीनाथ सिंह, मुख्तार अंसारी, बादशाह मांझी और लाल मोहम्मद शामिल रहे।
कार्यक्रम के अंत में स्व. रघुबीर सिंह के योगदान को याद करते हुए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। आयोजन को सफल बनाने में पुस्तकालय परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
मालूम हो कि इस प्रकार के आयोजन न केवल पूर्वजों के प्रति सम्मान प्रकट करने का माध्यम हैं, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक संरक्षण का भी सशक्त उदाहरण बनते हैं।