बिहार डेस्क l केएमपी भारत l भागलपुर
सहरसा/मधुबनी। विकास कुमार
प्यार जब सच्चा हो तो कोई भी दीवार उसे रोक नहीं सकती। कुछ ऐसा ही हुआ सहरसा जिले की एक प्रेमी जोड़ी के साथ। परिवार की नाराज़गी और समाज के डर के बावजूद दोनों ने साथ जीने-मरने की कसम निभाई और मंदिर में सात फेरे लेकर जीवनभर के लिए एक-दूसरे का साथ चुन लिया।
रविवार को मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड के कोसी दियारा इलाके के द्वालख गांव स्थित बाबा हार्नेश्वर नाथ महादेव मंदिर प्रांगण में इस जोड़ी का विवाह संपन्न हुआ। मंदिर के पुजारी श्री लाल गिरी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शादी की सभी रस्में पूरी करवाईं। शादी के दौरान दोनों ने हाथों में हाथ डालकर जीवनभर एक-दूसरे के साथ खड़े रहने का वादा किया।
युवक और युवती दोनों सहरसा जिले के रहने वाले हैं। शादी के बाद जब मीडिया ने बातचीत की तो उन्होंने कहा कि वे लंबे समय से एक-दूसरे से गहरा प्रेम करते हैं। लेकिन घर वाले इस रिश्ते के खिलाफ थे। इस वजह से उन्होंने बिना परिवार की अनुमति के मंदिर में जाकर विवाह करने का फैसला लिया।
जोड़ी ने साफ कहा कि वे दोनों बालिग हैं और अपने फैसले लेने का अधिकार रखते हैं। उन्होंने बताया कि उनका रिश्ता पूरी तरह आपसी प्यार और विश्वास पर आधारित है। अब वे समाज से भी यही चाहते हैं कि उन्हें सम्मान मिले और परिवारजन भी उनके इस निर्णय को स्वीकार करें।
“प्यार में मजबूरी नहीं, सिर्फ सच्चाई”
युवक ने मीडिया से कहा— “हम दोनों एक-दूसरे को खोना नहीं चाहते थे। परिवार का विरोध था, लेकिन हमने अपने रिश्ते को बचाने के लिए यह कदम उठाया। अब हमारी सिर्फ यही इच्छा है कि हमें समाज और परिवार का आशीर्वाद मिले।”
लड़की ने भी भावुक होकर कहा— “हम अपने जीवनसाथी के साथ प्यार और सम्मान से जीवन बिताना चाहती हूं। उम्मीद है परिवार और समाज एक दिन हमारे फैसले को समझेंगे।”