बिहार डेस्क l केएमपी भारत l मुजफ्फरपुर
बगहा/बेतिया। अजय शर्मा
बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) से रविवार को बड़ी खबर सामने आई। यहां रघिया वन रेंज के कम्पार्टमेंट आर/58 में गश्ती के दौरान वन विभाग की टीम को 6 वर्षीय मादा बाघिन का शव मिला। शव मिलने के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
संघर्ष के निशान साफ
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, प्रथम दृष्टया जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि बाघिन की मौत किसी अन्य बाघ के हमले में हुई। बाघिन के अगले पैरों और जबड़े पर गंभीर चोट के निशान मिले हैं। इसके अलावा दोनों अगले अंगों के नाखून क्षतिग्रस्त पाए गए। शरीर पर गहरे पंजों के निशान और झाड़ियों पर बाघ के बाल भी मिले। इन सब संकेतों से साफ है कि बाघिन किसी अन्य बाघ से लड़ाई में मारी गई।
नेचुरल टाइगर कॉन्फ्लिक्ट का मामला
VTR के मुख्य वन्यजीव संरक्षक और क्षेत्र निदेशक डॉ. नेशामणि के ने बताया कि बाघों के बीच इस तरह की भिड़ंत सामान्य है। दरअसल, टेरिटरी बनाने के दौरान अक्सर बाघ-बाघिन या दो बाघ आपस में लड़ जाते हैं। ऐसे संघर्ष में किसी एक की मौत हो जाना आम बात है। बाघिन के आसपास की झाड़ियों को रौंदा हुआ पाया गया, जिससे संघर्ष की पुष्टि होती है।
फॉरेंसिक जांच को भेजा जाएगा विसरा
घटना के बाद बाघिन के शव का पोस्टमार्टम किया गया और विसरा को सुरक्षित कर लिया गया। इसे आगे की जांच के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) बरेली और भारतीय वन्यजीव संस्थान (WWI) देहरादून भेजा जाएगा। विभाग ने कहा है कि फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद मौत के पीछे की असली वजह की पूरी पुष्टि हो जाएगी।
VTR में लगातार बढ़ रही है बाघों की संख्या
बता दें कि बिहार का इकलौता वाल्मीकि टाइगर रिजर्व इन दिनों बाघों की बढ़ती संख्या के कारण सुर्खियों में है। विशेषज्ञों का कहना है कि बाघों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ टेरिटरी को लेकर संघर्ष की घटनाएं भी स्वाभाविक रूप से बढ़ रही हैं।