नाक, कान, गला रोगियों को नहीं मिल रही है राहत; पोस्टिंग के बाद से डॉक्टर गायब
सुपरिटेंडेंट बोले– कई बार भेजा पत्र, रिसीव तक नहीं किया; अब कह रहे हैं, “रिजाइन दे देंगे, लेकिन वापस नहीं आएंगे”

बिहार डेस्क, केएमपी भारत। पटना। कृष्ण मुरारी पांडेय
सदर अस्पताल सीवान में नाक, कान और गले की ओपीडी (ENT) सेवा ठप है। ओपीडी का कमरा नंबर 4 हमेशा बंद रहता है। मरीज दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद नहीं हैं। मरीजों को या तो निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है या फिर किसी दूसरे विभाग के डॉक्टर से तात्कालिक सलाह लेनी पड़ती है।

राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा नियुक्त नाक-कान-गला रोग विशेषज्ञ डॉ. इमरान वासमी खान ने जून 2025 के दूसरे सप्ताह में सदर अस्पताल में ज्वाइन किया था। लेकिन अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, वह तीसरे सप्ताह से ही अस्पताल आना बंद कर चुके हैं। यानी महज कुछ दिन काम करने के बाद ही वह लापता हो गए।
सुपरिटेंडेंट बोले– “ड्यूटी दे रहे हैं, लेकिन आते नहीं”
सदर अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि
“डॉ. वासमी खान ज्वाइन करने के तीन-चार दिन बाद से ही नहीं आ रहे हैं। हमने कई बार पत्र भेजा, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया। उनका कहना है कि वे इस्तीफा दे देंगे, लेकिन सदर अस्पताल में काम नहीं करेंगे।” उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले की जानकारी सिविल सर्जन को दे दी गई है।
एक और हैं डॉक्टर, लेकिन वह भी प्रतिनियुक्ति पर
ENT विभाग की एक और डॉक्टर डॉ. पारुल उपाध्याय भी इस वक्त सदर अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं। उन्हें गोपालगंज में होमगार्ड की बहाली से जुड़ी प्रक्रिया में प्रतिनियुक्त किया गया है। ऐसे में ENT विभाग पूरी तरह से डॉक्टरविहीन हो गया है।
12 जुलाई के बाद आएंगी डॉ. पारुल, सिविल सर्जन ने दी जानकारी

सिविल सर्जन श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि, “हम इस मामले को सुलझाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। डॉ. पारुल उपाध्याय 12 जुलाई के बाद से सदर अस्पताल में नियमित रूप से सेवा देंगी।”
इस आश्वासन के बावजूद, फिलहाल ENT रोगियों को कोई राहत नहीं मिल रही है।
मरीज परेशान, ओपीडी में लटकता रहता है ताला
स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी से सवालों के घेरे में अस्पताल प्रबंधन
ENT ओपीडी के बाहर ताला लटका रहता है, और दूरदराज से आने वाले मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ता है। लोगों का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी आम हो गई है, लेकिन किसी स्तर पर ठोस पहल नहीं हो रही।
फिलहाल, सीवान सदर अस्पताल के ENT विभाग में सन्नाटा पसरा है। आने वाले दिनों में डॉ. पारुल की वापसी के बाद थोड़ी उम्मीद की किरण ज़रूर है, लेकिन तब तक मरीजों को और इंतज़ार करना पड़ेगा।