— लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद मिला ग्रामीण को न्याय, प्रशासन ने हाई कोर्ट के निर्देश पर की कार्रवाई
सेंट्रल डेस्क, केएमपी भारत, गोरखपुर

बड़हलगंज (गोरखपुर)। हाई कोर्ट के कड़े निर्देश के बाद आखिरकार बड़हलगंज विकास खंड के रामगढ़ गांव में शनिवार को प्रशासन ने अवैध कब्जा हटाकर चकमार्ग को खाली करा लिया। गाटा संख्या 200, रकबा 0.011 हेक्टेयर भूमि को चकमार्ग के रूप में दर्ज किया गया था, जिसपर एक व्यक्ति ने अवैध रूप से पक्का निर्माण करा लिया था।
गांव के ही निवासी शेषनाथ मौर्य ने इस अवैध कब्जे को हटवाने के लिए पहले तहसील और फिर जिला प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। अंततः उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट की शरण ली। हाई कोर्ट ने 8 मई को तहसीलदार गोला को आदेश दिया कि चकमार्ग को कब्जा मुक्त कराकर स्थिति से न्यायालय को अवगत कराएं।
प्रशासन ने नायब तहसीलदार के नेतृत्व में टीम गठित कर पैमाइश तो कराई, लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण कब्जा हटाने की कार्रवाई नहीं हो सकी। इस पर शेषनाथ मौर्य ने दोबारा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर तहसीलदार पर जानबूझकर कार्रवाई टालने का आरोप लगाया।
सुनवाई के बाद माननीय न्यायालय ने 3 जुलाई को गोला तहसीलदार को आदेश दिया कि वे 16 जुलाई को स्वयं न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करें और पूरे प्रकरण पर स्पष्टीकरण दें।
इस सख्त आदेश के बाद प्रशासन हरकत में आया। शनिवार को नायब तहसीलदार जयप्रकाश व राजेश सिंह के नेतृत्व में राजस्व निरीक्षक सरजू प्रसाद, लेखपाल नवीन भारती, दिनेश पटेल, महेन्द्र गौड़, बृजेश पांडेय, अरविंद विश्वकर्मा, मंजेश शर्मा, जय प्रकाश, प्रीतेश तिवारी और भारी पुलिस बल की मौजूदगी में बुल्डोजर चलाकर अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया।
इस कार्रवाई को देख ग्रामीणों में संतोष देखा गया। पूर्व प्रधान प्रतिनिधि सुभाष मौर्य सहित अन्य ग्रामीणों ने हाई कोर्ट का आभार जताते हुए कहा कि यदि न्यायालय का सख्त रुख नहीं होता तो यह कब्जा कभी नहीं हटता। यह कार्रवाई आम जनता के लिए एक मिसाल बनेगी कि न्याय की राह कठिन जरूर होती है, लेकिन अंत में जीत सच की होती है।