डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी जान बचाकर भागे, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया लापरवाही का आरोप
सेंट्रल डेस्क l केएमपी भारत l भागलपुर
मुंगेर (टेटिया बंबर)। संतोष सहाय
गुरुवार की दोपहर टेटिया बंबर स्वास्थ्य केंद्र से रेफर एक मरीज की ऑक्सीजन की कमी के कारण रास्ते में मौत हो गई। शव गांव पहुंचते ही आक्रोशित परिजन और ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गए और अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा व तोड़फोड़ की। स्थिति बिगड़ते देख चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी अस्पताल छोड़कर भाग खड़े हुए। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को खदेड़कर स्थिति को नियंत्रित किया, लेकिन ग्रामीणों का आक्रोश अब भी जारी है।
सीने में दर्द के बाद भर्ती हुआ था मरीज
मिली जानकारी के अनुसार, बंबर गांव निवासी 35 वर्षीय मंटू मांझी गुरुवार को विद्यालय में कार्य के दौरान अचानक सीने में दर्द से पीड़ित हो गए। परिजन उन्हें दोपहर करीब सवा एक बजे टेटिया बंबर स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद मरीज की हालत गंभीर देखते हुए ऑक्सीजन लगाकर भागलपुर रेफर कर दिया।
रास्ते में ही खत्म हो गया ऑक्सीजन सिलेंडर
परिजनों के अनुसार, मरीज को ले जा रही एंबुलेंस शाहकुंड के आसपास पहुंची ही थी कि सिलेंडर का ऑक्सीजन खत्म हो गया। ऑक्सीजन बंद होते ही मरीज की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही शव जैसे ही गांव पहुंचा, सैकड़ों ग्रामीण अस्पताल पर टूट पड़े और जमकर बवाल मचाया।
परिजनों ने प्रबंधन पर उठाए सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण मरीज की जान गई। अगर अस्पताल प्रबंधन ने लापरवाही नहीं की होती तो मंटू मांझी की जान बचाई जा सकती थी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि एंबुलेंस में न तो पर्याप्त ऑक्सीजन था और न ही कोई तकनीकी जानकार।
डॉक्टर ने परिजनों पर लगाया जिद का आरोप
इस पूरे मामले पर पूछे जाने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अंसारी अहमद ने बताया कि मरीज की हालत गंभीर थी। उसे दवा और इंजेक्शन देकर अस्पताल में ही रोकने की सलाह दी गई थी, लेकिन परिजन जिद कर भागलपुर रेफर कराने पर अड़े रहे।
कई अहम सवाल खड़े हुए
हालांकि सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर मरीज की हालत गंभीर थी तो बिना विशेषज्ञ डॉक्टर के एंबुलेंस से क्यों भेजा गया? ऑक्सीजन सिलेंडर खाली कैसे हो गया? मुंगेर सदर अस्पताल महज 40–45 किमी दूर होने के बावजूद मरीज को 55 किमी दूर भागलपुर क्यों भेजा गया?
ग्रामीणों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया और उनकी लापरवाही के कारण एक स्वस्थ परिवार बिखर गया। घटना के बाद से गांव में गम और गुस्से का माहौल है।