मतगणना विवाद पर सतीश यादव का बड़ा बयान, दो सौ नामजद और हजार अज्ञात पर FIR से नाराज़गी
बिहार डेस्क l केएमपी भारत न्यूज़ l पटना
डेस्क बिहार | अजीत कुमार, कैमूर
कैमूर जिले के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मतगणना के दौरान हुए बवाल पर राजनीति तेज हो गई है। बसपा के नवनिर्वाचित विधायक सतीश यादव उर्फ पिंटू ने अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रशासन और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि 14 नवंबर को अंतिम राउंड की गिनती के वक्त जानबूझकर मतगणना रोकी गई, ताकि हार-जीत के अंतर में हेरफेर कर भाजपा प्रत्याशी को विजयी घोषित किया जा सके।
विधायक ने दावा किया कि 24 राउंड पूरे हो चुके थे, लेकिन 25वें राउंड की गिनती रोककर उन पर लगातार दबाव बनाया गया। उनका कहना है कि मतों का अंतर कम होने के कारण माहौल को प्रभावित कर परिणाम उलटने की कोशिश की गई।
यादव ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग की नियमावली के बावजूद मोहनिया के डीएसपी प्रदीप कुमार करीब 50 पुलिसकर्मियों के साथ मतगणना हाल में घुस आए और बसपा एजेंट को जबरन बाहर निकालने की कोशिश की। विरोध के बाद पुलिस को पीछे हटना पड़ा। उन्होंने कहा कि काउंटिंग 5 बजे पूरी हो गई थी, फिर भी उन्हें करीब 6 घंटे रोके रखा गया और देर रात प्रमाणपत्र दिया गया।
बसपा विधायक ने बताया कि शांतिपूर्वक बैठे समर्थकों पर पुलिस ने अचानक लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि सैकड़ों निर्दोष लोगों के सिर फूट गए, हाथ-पैर टूट गए, लेकिन पुलिस ने उल्टा उन पर ही बड़ी संख्या में मामले दर्ज कर दिए। मोहनिया थाने में बसपा के 197 कार्यकर्ताओं पर नामजद, जबकि दुर्गावती में 50 नामजद और 1000 अज्ञात पर FIR की गई है।
सतीश यादव ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर भी चुनाव हारने के बाद अफवाह फैलाने और मारपीट का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला राजनीतिक साजिश है। उन्होंने घोषणा की कि वह सभी अधिकारियों को फैक्स व लिखित शिकायत भेजेंगे और निर्दोष लोगों पर दर्ज सभी मुकदमे रद्द कराने तथा दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे।






