नीलामपत्रवाद के तहत नोटिस और वारंट के बाद अमलोरी व सराय थाना क्षेत्र से दो ऋणी गिरफ्तार, करीब 5 लाख रुपये की वसूली लंबित
सेंट्रल न्यूज़ डेस्क l केएमपी भारत l पटना
संवाददाता, सिवान ।
सिवान जिले में बैंक बकायेदारों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए नीलामपत्रवाद के तहत वसूली के लिए विशेष अभियान शुरू कर दिया है। इस अभियान के अंतर्गत नोटिस, कारण पृच्छा, डिस्ट्रेस वारंट और बॉडी वारंट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब गिरफ्तारी कर बकाया राशि की वसूली की जा रही है।
जिला प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, दिनांक 17 दिसंबर 2025 को जिला नीलामपत्र पदाधिकारी सह जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने बैंक के चूककर्ता ऋणियों के विरुद्ध गिरफ्तारी की कार्रवाई के लिए जिला पुलिस अधीक्षक से अनुरोध किया था। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए अमलोरी थाना एवं सराय थाना पुलिस ने दो बकायेदारों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार किए गए ऋणियों में उमेश यादव, पिता स्वामीनाथ यादव और कामेश्वर प्रसाद, पिता बुंदेला प्रसाद शामिल हैं। दोनों बिहार ग्रामीण बैंक की अमलोरी और चाप शाखा के ऋणी हैं। इन पर समय पर ऋण अदायगी नहीं करने का आरोप है। पुलिस द्वारा इन्हें 18 दिसंबर 2025 को गिरफ्तार कर जिला आपूर्ति पदाधिकारी सह नीलामपत्र पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
जिला आपूर्ति पदाधिकारी सह नीलामपत्र पदाधिकारी ने बताया कि दोनों ऋणियों पर वर्तमान में लगभग 5 लाख रुपये का बकाया है। बकाया राशि की वसूली के लिए इनके विरुद्ध धारा 07 के तहत नोटिस, कारण पृच्छा, डिस्ट्रेस वारंट और बॉडी वारंट पहले ही जारी किए जा चुके थे। इसके बावजूद ऋण चुकता नहीं होने पर बिहार-उड़ीसा पब्लिक डिमांड रिकवरी (PDR) एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तारी की गई।
उन्होंने यह भी बताया कि जिले की अन्य बैंक शाखाओं द्वारा दायर नीलामपत्र वादों में भी इसी प्रकार की सख्त कार्रवाई की जा रही है। इस अभियान का असर भी देखने को मिला है। गिरफ्तारी के भय से बिहार ग्रामीण बैंक की टारी बाजार शाखा (थाना रघुनाथपुर) और गयासपुर शाखा (थाना सिसवन) के दो अन्य ऋणियों ने बैंक शाखा में पहुंचकर अपने ऋण का निपटारा कर लिया। इन दोनों पर संयुक्त रूप से करीब 3.50 लाख रुपये का बकाया था।
जिला जनसंपर्क पदाधिकारी सिवान, कन्हैया कुमार ने बताया कि जिला नीलामपत्रवाद शाखा सभी चूककर्ता ऋणियों से अपील करती है कि वे संबंधित बैंक शाखा में शाखा प्रबंधक से मिलकर शीघ्र अपने ऋण का भुगतान कर लें। अन्यथा प्रशासन को बाध्य होकर कानूनी कार्रवाई करनी पड़ेगी।






