छपरा : प्राचीन शिक्षा से जुड़े बिना अधूरी है आधुनिक शिक्षा: सांसद सिग्रीवाल

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रामाधार सिंह टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ज्ञान कुंभ का हुआ भव्य समापन

सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल बोले — संस्कृति और संस्कारों से कटती जा रही नई पीढ़ी |

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वक्ताओं ने कहा — रामायण-गीता जैसे ग्रंथों से मिलती है जीवन की सच्ची शिक्षा

छपरा (सारण)। रामाधार सिंह टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, एकमा में आईक्यूएसी के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ज्ञान कुंभ का समापन शनिवार को हुआ। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने कहा कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली को पूर्णता तभी मिलेगी जब उसमें प्राचीन भारतीय शिक्षा परंपराओं का समावेश किया जाएगा।उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा से संस्कृति, मूल्य और व्यवहार समाप्त होते जा रहे हैं, जिससे हमारी सांस्कृतिक विरासत संकट में है। सिग्रीवाल ने कहा कि पहले के बच्चे “माई”, “भईया”, “दीदी” जैसे आत्मीय संबोधनों का प्रयोग करते थे, जबकि अब “डैडी”, “मम्मी”, “अंकल”, “आंटी” जैसे संबोधन अपनाए जा रहे हैं। इससे समाज में आत्मीयता और संस्कारों की कमी आ रही है।

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शिक्षा में नैतिक मूल्यों की वापसी जरूरी: आकाश रंजन

बीएचयू वाराणसी के प्रवक्ता डॉ. आकाश रंजन ने कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली में नैतिक मूल्यों का स्थान नगण्य हो गया है। यदि हम आधुनिक शिक्षा में प्राचीन शिक्षण तत्वों को शामिल करें, तो भारत का समग्र विकास संभव है।

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रामायण और गीता जीवन के आदर्श ग्रंथ: मृगेंद्र कुमार

सहरसा के प्रवक्ता मृगेंद्र कुमार ने कहा कि रामायण और गीता जैसे ग्रंथ हमें मर्यादा और पुरुषार्थ का संदेश देते हैं, जो आज की शिक्षा प्रणाली में नहीं के बराबर हैं।

श्रवण पर आधारित थी प्राचीन शिक्षा: डॉ. जयप्रकाश

डायट सोनपुर के पूर्व प्राचार्य डॉ. जयप्रकाश ने कहा कि पहले की शिक्षा प्रणाली श्रवण और मौखिक पर आधारित थी, जिससे छात्रों की स्मरण शक्ति और लेखन क्षमता अधिक विकसित होती थी। आज की शिक्षा में यह बातें नदारद हैं।

नेपाल के पूर्व कुलपति समेत कई विशेषज्ञों ने रखे विचार

कार्यक्रम को पूर्वांचल विश्वविद्यालय, विराटनगर (नेपाल) के पूर्व कुलपति डॉ. घनश्याम लाल दास, कॉलेज की निदेशिका संध्या सिंह, पंकज कुमार, कुमार गौरव, प्रो. सुमन कुमार सिंह, डॉ. रागिनी रंजन (बीएचयू), डॉ. मोहिनी कुमारी (मधेपुरा), डॉ. किरण कुमारी (गया), डॉ. वंदना चतुर्वेदी (सहरसा) समेत अन्य शिक्षाविदों ने भी संबोधित किया। सभी ने ज्ञान कुंभ के आयोजन को नई दिशा देने वाला प्रयास बताया।

बड़ी संख्या में जुटे शिक्षाविद और समाजसेवी

समापन समारोह में सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, पूर्व जिला पार्षद रूपेश कुमार सिंह छोटू, कॉलेज सचिव ई. जयप्रकाश सिंह, ट्रस्टी राजीव कुमार शर्मा, निदेशिका संध्या सिंह, शिक्षक नेता मंजीत कुमार तिवारी, भाजपा जिला उपाध्यक्ष चैतेंद्रनाथ सिंह, प्रमोद कुमार सिंह, बलवंत कुमार सिंह, अखिलेश्वर प्रसाद ‘भोला’, और अन्य गणमान्यजन मौजूद रहे।

छात्राओं ने किया सफल संचालन, हुआ राष्ट्रगान के साथ समापन

कार्यक्रम का संचालन छात्राओं मानसी, आर्या और प्रियंका ने संयुक्त रूप से किया। समापन सत्र का अंत कॉलेज प्राचार्य डॉ. सत्यप्रकाश दास द्वारा धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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