सीतामढ़ी में रोशनी, दुआ और भाईचारे का नजारा, प्रशासन ने किए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
बिहार डेस्क l केएमपी भारत l पटना
सीतामढ़ी। अशफाक खान l पैग़म्बर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की यौम-ए-पैदाइश, यानी ईद-ए-मिलादुन्नबी के मौके पर शुक्रवार को जिले भर में रौनक और जश्न का माहौल देखने को मिला। इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक, 12 रबीउल अव्वल को पैग़म्बर मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था और यही दिन पूरी दुनिया के मुसलमानों के लिए सबसे पाक और मुबारक दिन माना जाता है।
सुबह से ही मस्जिदों को रंग-बिरंगी झालरों और रोशनी से सजाया गया। कई वार्डों से जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया, जिसमें बच्चे, युवा और बुजुर्ग बड़ी संख्या में शरीक हुए। मुरलिया, चक महनपुर, भभदेपुर, मेहसौल चौक, चक मधुबन और इस्लामपुर से जुलूस निकले। जगह-जगह समाजसेवियों द्वारा स्टॉल लगाकर पानी और शरबत का इंतजाम किया गया।
इस अवसर पर सीरत-ए-नबी यानी पैग़म्बर साहब की जीवनी पर भी कार्यक्रम आयोजित किए गए। मौलानाओं ने मोहम्मद साहब की शिक्षाओं को आमजन तक पहुंचाते हुए अमन, भाईचारे और इंसानियत का पैगाम दिया। वहीं, कई जगहों पर गरीब और जरूरतमंदों को खाना खिलाने का आयोजन कर इस दिन को खास बनाया गया।
शहर भर में माहौल पूरी तरह उत्सवी नजर आया। बच्चे हाथों में झंडे लेकर जुलूस में शामिल हुए और लोगों ने एक-दूसरे को मुबारकबाद दी। प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती रही ताकि कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो।
ईद-ए-मिलादुन्नबी पर निकले जुलूस और सजावट ने सीतामढ़ी को रोशनी और भाईचारे से सराबोर कर दिया। लोगों ने कहा कि यह दिन इंसानियत और मोहब्बत का पैगाम देता है, जिसे हर किसी को अपनाना चाहिए। https://youtu.be/xb0KySv6dhw?si=J7T3uBTvaJLM4rHV