पटना पदयात्रा प्रकरण से आक्रोशित विक्रेताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी, अंबिका यादव समेत गिरफ्तार साथियों की रिहाई की उठी मांग
बिहार डेस्क l केएमपी भारत l भागलपुर
सहरसा। विकास कुमार। जनवितरण प्रणाली से जुड़े विक्रेताओं ने रविवार की शाम शहर की सड़कों पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जनवितरण विक्रेता संघ के आह्वान पर जिलेभर के विक्रेताओं ने पटना में हाल ही में हुए पुलिस लाठीचार्ज की घटना के विरोध में सुपर मार्केट से शंकर चौक तक केंडिल मार्च निकाला। इस दौरान सरकार विरोधी नारे लगाए गए और पुलिस प्रशासन की कार्रवाई को लोकतंत्र पर हमला बताया गया।
दरअसल, 22 अगस्त को “अब अन्याय नहीं सहेगा बिहार” अभियान के तहत राज्य के जनवितरण विक्रेताओं ने अपनी लंबित मांगों को लेकर पटना में पदयात्रा की थी। इस दौरान पुलिस प्रशासन ने रैली को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसमें कई विक्रेता घायल हो गए। साथ ही जनवितरण संघ के गांधी कहे जाने वाले अंबिका यादव सहित दस से अधिक विक्रेताओं को हिरासत में ले लिया गया। इसी के विरोध में सहरसा में केंडिल मार्च का आयोजन किया गया।
मार्च के दौरान वक्ताओं ने कहा कि लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर तुरंत कार्रवाई हो और गिरफ्तार विक्रेताओं को बिना शर्त रिहा किया जाए। साथ ही सरकार से मांग की गई कि जनवितरण विक्रेताओं को सरकारी सेवक का दर्जा दिया जाए, ताकि उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान निकल सके।
डीलर संघ के सचिव सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि सरकार लगातार विक्रेताओं की उपेक्षा कर रही है। यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज होगा। वहीं, महिला डीलर पूजा चौधरी ने कहा कि जनवितरण विक्रेता समाज की रीढ़ हैं, लेकिन सरकार उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।
विक्रेताओं ने चेतावनी दी कि यदि जल्द मांगें पूरी नहीं हुईं तो राज्यव्यापी हड़ताल और बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी।