गंदे नाले के पानी से घिरा परिसर, मरीज परेशान – अस्पताल प्रशासन लापरवाह
बिहार डेस्क l केएमपी भारत l भागलपुर
सहरसा। विकाश कुमार
कोसी क्षेत्र का सबसे बड़ा स्वास्थ्य केंद्र और मॉडल अस्पताल कहे जाने वाला सदर अस्पताल इन दिनों बदहाली की मार झेल रहा है। आलम यह है कि पूरा अस्पताल परिसर गंदे और बदबूदार नाले के पानी से घिरा हुआ है। सबसे बुरी स्थिति अस्पताल के मुख्य गेट, ओपीडी जाने वाले रास्ते, सिटी स्कैन और एक्स-रे विभाग के आसपास बनी हुई है। यहां मरीजों और उनके परिजनों को गंदे, दुर्गंधयुक्त पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस अस्पताल को कोसी का पीएमसीएच कहा जाता है, लेकिन हालात देखकर लगता है मानो यह किसी बड़े तालाब के बीच बसा हो। दुर्गंध इतनी भयंकर है कि लोग नाक और मुंह पर रूमाल रखकर किसी तरह अस्पताल में प्रवेश करते हैं। इस पानी में मच्छरों और कीटाणुओं का आतंक दिन-रात बना रहता है, जिससे डेंगू, मलेरिया और अन्य संक्रामक रोगों का खतरा और बढ़ गया है।
लोगों ने सवाल उठाया है कि जहां रोज हजारों मरीज इलाज कराने आते हैं, वहां की स्थिति नारकीय क्यों बनी हुई है। एक मरीज के परिजन ने कहा – “इलाज कराने आते हैं, लेकिन इस हालात में तो लोग ठीक होने की बजाय और बीमार हो जाएंगे।”
सबसे बड़ी चिंता यह है कि अस्पताल प्रशासन इस गंभीर समस्या पर आंख मूंदे बैठा है। न तो पानी की निकासी की कोई व्यवस्था की गई है और न ही मरीजों की सुविधा का ख्याल रखा जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देंगे तो हालात और बिगड़ सकते हैं। सवाल यह है कि जब कोसी इलाके का सबसे बड़ा अस्पताल ही ऐसी दुर्दशा झेल रहा है, तो फिर छोटे स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।