प्रशासन और जनप्रतिनिधि बेखबर, चार दर्जन गांवों में तबाही का मंजर
बिहार डेस्क l भागलपुर ।
केएमपी भारत न्यूज़ l सहरसा | कोशी नदी के उफान ने एक बार फिर नवहट्टा प्रखंड के लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अचानक बढ़े जलस्तर से नवहट्टा प्रखंड के सात पंचायतों के करीब चार दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। घर-आंगन से लेकर गलियों तक पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। ग्रामीणों के सामने सबसे बड़ी समस्या खाने-पीने की उत्पन्न हो गई है।
अचानक आई बाढ़ से लोग अपना अनाज और सामान तक नहीं निकाल पाए। कई घरों में रखा अनाज पानी में बह गया। मजबूरी में अब लोग अपने बच्चों के साथ चुरा-मुढ़ी खाकर दिन काट रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अब तक किसी तरह की सरकारी मदद नहीं पहुंची है।
पारो देवी बताती हैं कि “तीन दिन से घर में पानी घुसा है, खाना बनाने का भी साधन नहीं है।” वहीं कौशल कुमार का कहना है कि “सरकार की ओर से कोई राहत सामग्री नहीं मिली, बस नाव से किसी तरह आना-जाना हो पा रहा है।” मुखिया मुकेश कुमार ने बताया कि “स्थिति लगातार बिगड़ रही है, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।”
लोग खुले आसमान के नीचे जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं। बाढ़ग्रस्त इलाकों में न तो पीने के स्वच्छ पानी की व्यवस्था है, न ही पशुओं के लिए चारा। स्थानीय लोग जिला प्रशासन से शीघ्र राहत शिविर और खाद्य सामग्री की मांग कर रहे हैं, ताकि उनकी जिंदगी पटरी पर लौट सके।