“भगवान शिव को गुरु मानने से जीवन में आया सकारात्मक बदलाव”
- शिष्य भाव से शिव को गुरु मानने से जीवन में मिलते हैं अद्भुत अनुभव
- महिला सशक्तिकरण और सामाजिक बदलाव की दिशा में बढ़ा एक कदम
- देशभर में शिव शिष्य परिवार के सदस्य कर रहे आध्यात्मिक अनुशासन का पालन
बिहार डेस्क l केएमपी भारत l भागलपुर
सहरसा (अशय पहाड़पुर)। विकास कुमार
अंचल क्षेत्र के केदली पंचायत अंतर्गत अशय पहाड़पुर गांव में मंगलवार को मासिक ‘शिव गुरु परिचर्चा’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शिव शिष्य परिवार से जुड़े दर्जनों गुरु भाई और बहनों ने भाग लिया। इस अवसर पर शिव शिष्य परमेश्वर भाई ने शिव की शिष्यता को एक गूढ़ आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि – “भगवान शिव को गुरु मानने से न केवल जीवन में शांति आती है, बल्कि शिष्य के आचरण में भी सकारात्मक परिवर्तन आता है।”
उन्होंने आगे कहा कि साहब श्री हरिन्द्रानंद जी ने स्वयं भगवान शिव को गुरु मानकर तीन सूत्र दिए हैं, जो किसी भी साधक को नकारात्मक कर्मफल से मुक्ति दिलाते हैं। यह सूत्र भले ही सरल प्रतीत होते हों, लेकिन इनका पालन कठिन है। जो इनका निष्ठापूर्वक अभ्यास करते हैं, उनके जीवन में स्पष्ट रूप से बदलाव देखा जा सकता है।
तीन सूत्रों से खुलते आध्यात्मिक जीवन के द्वार
परमेश्वर भाई ने बताया कि तीन सूत्र – सत्य, सरलता और सेवा – शिव शिष्य जीवन की मूलधारा हैं। इन सूत्रों के अभ्यास से व्यक्ति का जीवन व्यवस्थित होता है और बुरे कर्मों का क्षय होता है। यही कारण है कि आज समाज में शिव को गुरु मानने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
महिलाओं की बढ़ती भागीदारी
परिचर्चा में वक्ताओं ने यह भी बताया कि शिव शिष्य परंपरा से जुड़ने के बाद महिलाओं के आत्मबल और आत्मनिर्भरता में भी बढ़ोतरी हुई है। सत्यनारायण चौधरी, सुरेंद्र यादव, डा. विष्णुदेव, गुरु बहन सुधा, गीता, अमला, रामदाय समेत कई वक्ताओं ने अपने अनुभव साझा किए।
उपस्थित रहे कई गुरु भाई-बहनें
कार्यक्रम में शशि यादव, पवित्र गुलशन राय, दिनेश दास, हरिश्चंद्र सादा, जीवन यादव समेत बड़ी संख्या में शिव शिष्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन ‘शिव गुरुवाणी’ के साथ हुआ, जिसमें सभी ने शिव को गुरु मानकर उनके बताये मार्ग पर चलने की प्रेरणा ली।