15 लाख की लागत से बना भवन आजतक बंद, मरीजों के परिजन खुले में बैठने को मजबूर
बिहार डेस्क l केएमपी भारत l भागलपुर
सहरसा। सदर अस्पताल परिसर में करीब 15 लाख रुपये की लागत से बना यात्री विश्रामालय और प्रतीक्षालय उदघाटन से पहले ही जर्जर हालत में पहुंच गया है। मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत बनाए गए इस भवन का मुख्य उद्देश्य था कि अस्पताल आने वाले मरीजों के परिजन सुरक्षित और स्वच्छ जगह पर बैठकर विश्राम कर सकें। लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण यह भवन सालों से ताले में जकड़ा हुआ है।
अस्पताल आने वाले मरीजों के परिजन और ग्रामीण खुले आसमान तले, कभी बरामदे में तो कभी दीवार किनारे बैठने को मजबूर हैं। गर्मी, धूप और बरसात के बीच उन्हें न तो कोई सुरक्षित जगह मिलती है और न ही विश्राम की सुविधा। भवन के भीतर लगे दरवाजे और खिड़कियां धीरे-धीरे खराब हो रहे हैं, लेकिन इसे लेकर किसी अधिकारी ने अब तक सुध लेने की जरूरत नहीं समझी।
समाजसेवी प्रवीण आनंद का कहना है कि सरकार जनहित में योजनाएं बनाती है, लेकिन जब तक प्रशासन उसे लागू करने में गंभीरता नहीं दिखाता, तब तक जनता को कोई लाभ नहीं मिलता। वहीं, स्थानीय निवासी मनोज दत्ता ने कहा कि यह भवन गरीब मरीजों और उनके परिजनों के लिए बनाया गया था, लेकिन तालेबंदी ने इसे बेकार कर दिया।
लोगों ने मांग की है कि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन तत्काल इस भवन का ताला खुलवाकर उपयोग में लाए, ताकि मरीजों और उनके परिजनों को राहत मिल सके। नहीं तो यह भवन धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो जाएगा और सरकारी धन की बर्बादी का प्रतीक बनकर रह जाएगा।