अब हर गांव में ‘स्वास्थ्य का मंदिर’
बिहार डेस्क l केएमपी भारत l पटना
छपरा (सारण)।
कभी गांवों में उप-केंद्र केवल नाम भर के लिए खुलते थे। समय पर स्वास्थ्यकर्मी नहीं पहुंचते थे और मरीजों को इलाज के लिए शहर का रुख करना पड़ता था। लेकिन अब तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल और स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं ने उपकेंद्रों को आधुनिक रूप देकर “आयुष्मान आरोग्य मंदिर” में तब्दील कर दिया है।
मांझी प्रखंड बना उदाहरण
मांझी प्रखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रोहित कुमार की भूमिका अहम रही है। अब छोटी-छोटी बीमारियों का इलाज गांवों के पास ही हो रहा है। ग्रामीणों का समय और पैसा दोनों बच रहा है।
जिले में 428 आयुष्मान मंदिर
डीपीसी रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि सारण जिले में फिलहाल 428 आयुष्मान आरोग्य मंदिर चल रहे हैं। इनमें 378 हेल्थ सब-सेंटर, 40 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 8 अपग्रेडेड हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और 2 शहरी पीएचसी शामिल हैं। इन केंद्रों से गांव-गांव तक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं।
आधुनिक सुविधाएं और मुफ्त सेवाएं
इन केंद्रों पर 151 प्रकार की दवाएं नि:शुल्क दी जाती हैं। 14 तरह की पैथोलॉजिकल जांच, प्रसव पूर्व जांच, परिवार नियोजन सेवाएं, टीकाकरण और ओपीडी जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। साथ ही, यहां योग-व्यायाम, मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की जानकारी भी दी जाती है।
जागरूकता और विकास का प्रतीक
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर केवल अस्पताल नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास और जागरूकता का प्रतीक बन चुके हैं। यहां बच्चों का टीकाकरण, महिलाओं का सुरक्षित मातृत्व और बुजुर्गों के लिए नियमित दवा उपलब्ध कराई जा रही है।