राष्ट्र के लिए मध्यस्थता कार्यक्रम को लेकर सिवान न्यायालय में विशेष बैठक
बिहार डेस्क, केएमपी भारत। पटना/सीवान
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार (NALSA) के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार सिवान की ओर से “राष्ट्र के लिए मध्यस्थता” अभियान के तहत एक विशेष बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री मोतीश कुमार सिंह ने की। इस दौरान सिवान व्यवहार न्यायालय के समस्त न्यायिक पदाधिकारी उपस्थित रहे।
लोक अदालत के माध्यम से होंगे वैवाहिक विवाद से लेकर भूमि अधिग्रहण के मामले तक का निपटारा
विशेष अभियान चलाकर किया जाएगा वादों का निष्पादन
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत निम्नलिखित वादों का निपटारा किया जाएगा, जिसमें वैवाहिक विवाद, दुर्घटना मुआवजा दावा, घरेलू हिंसा से जुड़े मामले, चेक बाउंस के वाद, वाणिज्यिक विवाद एवं सेवा मामलों के वाद, अपराधिक समझौता योग्य मामले, उपभोक्ता विवाद, ऋण वसूली, विभाजन, बेदखली और निष्कासन, भूमि अधिग्रहण से जुड़े वाद और अन्य उपयुक्त सिविल वाद।
सभी न्यायिक पदाधिकारियों को दिया गया जिम्मेदारी के साथ निर्देश
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री मोतीश कुमार सिंह ने सिवान व्यवहार न्यायालय में कार्यरत सभी न्यायिक पदाधिकारियों के साथ बैठक कर NALSA द्वारा दिए गए निर्देशों पर गहन चर्चा की। उन्होंने सभी अधिकारियों को विशेष रुचि लेकर राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने का निर्देश दिया।
बैठक में प्रमुख रूप से शामिल रहे न्यायिक पदाधिकारी
मनोज कुमार 2 (प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय), विजय कृष्ण सिंह (एडीजे 1), सुशील कुमार त्रिपाठी (एडीजे 2), संतोष कुमार (एडीजे 3), सलीम राजा (विशेष उत्पाद न्यायाधीश प्रथम), राजेश रंजन द्विवेदी (विशेष उत्पाद न्यायाधीश द्वितीय), श्रीमती मोनिशा कुमारी (एडीजे 4), उमाशंकर (एडीजे 5), श्रीमती प्रतिभा (एडीजे 6), राकेश कुमार पांडे (एडीजे 7), शशि भूषण कुमार (एडीजे 8), सुशांत रंजन (एडीजे 9), राजेश त्रिपाठी (एडीजे 10), संजीव कुमार पांडे (मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी)। इसके अलावा न्यायिक पदाधिकारी अरविंद कुमार सिंह, मनोज कुमार, बबीता सिंह, रवि कुमार, कमलेश कुमार सिंह, अजयेंद्र कुमार, अजय मिश्रा, कोमल शांडिल्य, महेंद्र मिश्रा (प्रधान न्यायाधीश, किशोर न्याय परिषद), विकास कुमार, शुभम कुमार, शिवम प्रताप सिंह, आशुतोष गौतम, चांदनी गुप्ता, मिस कुमारी सौम्या, एडवोकेट गणेश राम उर्फ ज्ञान रत्न भी बैठक में मौजूद रहे।