बिहार चुनाव डेस्क l पटना
कृष्ण मुरारी पांडेय l केएमपी भारत न्यूज। सीवान
सीवान जिले की चर्चित सीट 108-रघुनाथपुर विधानसभा सीट इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गई है। रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा जारी अधिसूचना (पत्र संख्या 48/दिनांक 18 अक्टूबर 2025) के अनुसार, इस सीट से कुल आठ प्रत्याशियों के नामांकन पत्र वैध घोषित किए गए हैं। अब रघुनाथपुर में मुकाबला बहुकोणीय होने जा रहा है।
राजद के ओसामा शहाब बने केंद्र बिंदु
इस सीट से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने दिवंगत सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के पुत्र ओसामा शहाब को उम्मीदवार बनाया है। पारिवारिक राजनीतिक विरासत और सीवान में शहाबुद्दीन परिवार के गहरे प्रभाव के कारण ओसामा शहाब को मजबूत दावेदार माना जा रहा है। युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता और भावनात्मक जुड़ाव उन्हें इस सीट पर विशेष बढ़त दिला सकता है।
जदयू और जन सुराज के बीच कड़ा संघर्ष
वहीं सत्ता पक्ष से जनता दल (यूनाइटेड) ने विकास कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया है। विकास सिंह संगठन के पुराने कार्यकर्ता हैं और क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। एनडीए गठबंधन की मजबूती उन्हें बढ़त दिलाने में सहायक हो सकती है।
दूसरी ओर, जन सुराज पार्टी ने राहुल कीर्ति को प्रत्याशी बनाया है, जो पटना निवासी और स्वर्गीय हरि कीर्ति सिंह के पुत्र हैं। वे शिक्षित, युवा और ईमानदार छवि के साथ “सही लोग, सही सोच, सामूहिक प्रयास” के नारे पर जनता से जुड़ाव बनाने में जुटे हैं।
अन्य दलों की उपस्थिति भी दिलचस्प
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से अवधेश भगत,
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से कुमार संतोष,
और जनशक्ति जनता दल से पशुपति नाथ चतुर्वेदी भी चुनावी मैदान में हैं।
ये प्रत्याशी भले ही मुख्य मुकाबले में न दिखें, परंतु जातीय और स्थानीय समीकरणों के हिसाब से वोट विभाजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
निर्दलीय भी देंगे चुनौती
इसके अलावा दो निर्दलीय प्रत्याशी — अनिता कुमारी (पत्नी शशिकांत सिंह, महादेवा रोड, सीवान) और उपेंद्र सिंह (पुत्र उत्तम सिंह, गुलहारा टोला गोपीपतियाँ, एम.एच. नगर हसनपुरा) भी मैदान में हैं। दोनों स्थानीय मुद्दों और विकास के सवाल पर जनता से संवाद कर रहे हैं।
त्रिकोणीय मुकाबले की पूरी संभावना
रघुनाथपुर में इस बार राजद, जदयू और जन सुराज पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना है, जबकि अन्य प्रत्याशी परिणाम को प्रभावित करने की स्थिति में रहेंगे। स्थानीय मतदाताओं का कहना है कि इस बार चुनाव “भावना बनाम बदलाव” के बीच फंसा हुआ है —
जहां एक ओर शहाबुद्दीन परिवार की विरासत ओसामा के साथ है, वहीं राहुल कीर्ति जैसे नए चेहरे बदलाव की उम्मीद जगा रहे हैं।
रिटर्निंग ऑफिसर के मुताबिक, सभी नामांकन वैध पाए गए हैं और मतदान की तैयारियां अंतिम चरण में हैं।