तीन जनों की नृशंस हत्या के खिलाफ उबला जनाक्रोश
न्यूज़ डेस्क, केएमपी भारत, बसंतपुर/भगवानपुर |
मलमलिया चौक पर शुक्रवार शाम हुए तिहरे हत्याकांड को लेकर जनआक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार की शाम लोगों ने आक्रोश का इजहार कैंडल मार्च निकाल कर किया। हनुमान गढ़ी मंदिर से शुरू हुए मार्च में युवाओं, महिलाओं और समाजसेवियों ने भारी संख्या में भाग लिया।
“हत्यारों को फांसी दो”, “हम न्याय लेकर रहेंगे” जैसे नारों से बाजार की फिज़ा बदल गई। लोग शांत थे, लेकिन आंखों में आक्रोश और हाथों में जलती मोमबत्तियां लिए इंसाफ की मांग कर रहे थे।

प्रशासन पर लापरवाही का आरोप, मुख्य आरोपी अब भी फरार
कहा – तीन दिन बाद भी गिरफ्तारी नहीं, तो सड़कों पर होगा उग्र आंदोलन
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताई। उनका कहना था कि घटना को तीन दिन गुजर चुके हैं, लेकिन मुख्य आरोपी अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी कि यदि दोषियों की जल्द गिरफ्तारी नहीं होती तो जनसैलाब सड़कों पर उतरकर आंदोलन को मजबूर होगा। प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की।
“यह सिर्फ हत्या नहीं, न्याय व्यवस्था पर चोट है”
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जताया गुस्सा, बोले – तीन परिवार ही नहीं, पूरा समाज आहत है
कैंडल मार्च का नेतृत्व कर रहे समाजसेवियों और बुद्धिजीवियों ने प्रशासन को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा – “यह घटना केवल तीन परिवारों का दुख नहीं है, बल्कि पूरे समाज की पीड़ा है। जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, तब तक समाज चैन से नहीं बैठेगा।” उन्होंने प्रशासन से मांग की कि इस मामले में विशेष टीम बनाकर त्वरित और निष्पक्ष जांच हो तथा आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए।
तीन की धारदार हथियार से हत्या, मामूली विवाद बना खूनी संघर्ष
शुक्रवार की शाम बाजार में मची थी अफरातफरी, घटना से दहशत में हैं लोग
गौरतलब है कि शुक्रवार शाम मलमलिया चौक पर मामूली विवाद के बाद दो पक्षों में जमकर मारपीट हो गई थी। देखते ही देखते मामला इतना बढ़ा कि तीन लोगों की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई।
घटना के बाद बाजार में भगदड़ मच गई और लोगों में दहशत का माहौल बन गया। इस वीभत्स हत्या ने जिले भर को झकझोर कर रख दिया है।
पीड़ित परिवारों ने भी लगाई गुहार, कहा – इंसाफ नहीं मिला तो जाएंगे मुख्यमंत्री के पास
कहा – बेटों को खो दिया, अब इंसाफ चाहिए, वरना जीने का क्या मतलब
मृतकों के परिजनों का कहना है कि वे अभी तक सदमे से उबर नहीं पाए हैं। उन्होंने कहा “हमारे बेटे हमसे छीन लिए गए। अब हमें सिर्फ न्याय चाहिए। अगर इंसाफ नहीं मिला, तो हम मुख्यमंत्री से मिलकर गुहार लगाएंगे।”
अब अगली रणनीति पर विचार, आंदोलन को मिल रहा समर्थन
स्थानीय संगठनों, युवाओं और व्यापारियों ने जताया साथ
कैंडल मार्च के बाद स्थानीय संगठनों ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन शुरू किया जा सकता है। व्यापारिक संगठनों, शिक्षकों और युवाओं ने इस जनआंदोलन को समर्थन देने की बात कही है।