बिजली विभाग की लापरवाही से गुस्साए ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, अधिकारियों ने खुद को कमरे में किया कैद
केएमपी भारत। बड़हरिया (सिवान):
बिजली विभाग की लापरवाही, खुले तारों से हो रही लगातार घटनाएं और अधिकारियों की अनदेखी से आजिज आकर शुक्रवार को पकड़ी सुल्तान और हबीबपुर के ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। ग्रामीण बड़ी संख्या में बड़हरिया पावर स्टेशन पहुंच गए और जमकर हंगामा किया। अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने पावर स्टेशन का गेट बंद कर खुद को कमरे में कैद कर लिया। इससे नाराज ग्रामीण और उग्र हो गए।
खुले तार की चपेट में युवक झूला, मवेशियों की भी गई जान
जानकारी के मुताबिक, पकड़ी सुल्तान गांव में श्याम बहादुर नामक युवक नंगे बिजली के तार की चपेट में आ गया जिससे वह बुरी तरह झुलस गया। इसी करंट से एक गाय और एक बकरी की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद ग्रामीणों ने बार-बार बिजली विभाग के कनीय अभियंता को कॉल किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
गेट बंद कर छिपे अधिकारी, सड़क पर उतरे ग्रामीण
बिजली विभाग की अनदेखी से गुस्साए ग्रामीणों ने बड़हरिया पावर स्टेशन का घेराव किया। जब अधिकारियों ने उनसे मिलने से इनकार करते हुए गेट बंद कर लिया, तो ग्रामीणों ने बड़हरिया-तरवारा मुख्य पथ को जाम कर दिया। देखते ही देखते दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
सड़क पर पुतला फूंका, लगाए गए जोरदार नारे
घंटे भर तक सड़क जाम करने के बाद आक्रोशित युवकों ने बिजली विभाग के कनीय अभियंता का पुतला जलाया और जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने विभाग पर उदासीनता और गैरजवाबदेही का आरोप लगाया।
पूर्व मुखिया के समझाने पर शांत हुआ मामला
स्थिति बिगड़ती देख बिजली विभाग की ओर से पूर्व मुखिया बीरेंद्र प्रसाद को ग्रामीणों से बातचीत के लिए भेजा गया। उन्होंने युवकों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया और बिजली विभाग की ओर से कार्रवाई का आश्वासन दिया।
पहले भी हो चुकी है मौत, तब भी नहीं चेता विभाग
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही बड़हरिया थाना के पास 11 हजार वोल्ट की तार की चपेट में आने से एक टेंपू चालक की मौत हो गई थी। उस समय भी काफी बवाल हुआ था। ग्रामीणों का आरोप है कि बड़हरिया के कनीय अभियंता किसी का फोन नहीं उठाते और किसी भी समस्या को गंभीरता से नहीं लेते।
ग्रामीणों की मांग
- खुले तारों की मरम्मत तत्काल हो
- जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई
- गांवों में नियमित बिजली जांच टीम भेजी जाए
- लापरवाह कर्मियों को हटाया जाए