गोरखपुर : संत कबीर नगर में मनरेगा जांच के दौरान बीडीओ कक्ष बना रणक्षेत्र

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प्रधान पक्ष और शिकायतकर्ता आमने-सामने, लाठी-डंडों से हुई जमकर मारपीट, अफरा-तफरी में जांच टीम मौके से भागी

संतकबीरनगर (बघौली):

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बघौली ब्लॉक स्थित बीडीओ कक्ष सोमवार को उस वक्त रणक्षेत्र में तब्दील हो गया, जब मनरेगा में कथित भ्रष्टाचार की जांच के दौरान प्रधान पक्ष और शिकायतकर्ता पक्ष आमने-सामने आ गए। बात इतनी बढ़ी कि बीडीओ कक्ष से निकलकर पूरा ब्लॉक परिसर लाठी-डंडों की मारपीट का मैदान बन गया।

मनरेगा घोटाले की जांच के दौरान भड़की, रार

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हावपुर भड़ारी गांव निवासी हरिओम सिंह उर्फ अंकित सिंह द्वारा मनरेगा कार्यों में अनियमितता की शिकायत जिला अधिकारी से की गई थी। इसी शिकायत पर भौतिक सत्यापन के लिए भूमि संरक्षण अधिकारी अरविंद वर्मा और मनरेगा सेल के अवर अभियंता वेद प्रकाश वर्मा की टीम गांव में पहुंची थी। परियोजनावार जांच और ग्रामीणों से पूछताछ के बाद टीम ब्लॉक कार्यालय स्थित बीडीओ कक्ष में पहुंची।

एक फोटो के बार-बार अपलोड पर उठा सवाल, बढ़ा विवाद

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जांच के दौरान जब टीम ने प्रधान प्रतिनिधि साधू शरण से एक ही फोटो को बार-बार अपलोड किए जाने पर सवाल किया, तो उनके स्थान पर एक युवक जवाब देने लगा। इस पर शिकायतकर्ता पक्ष ने आपत्ति जताई और दोनों पक्षों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि धक्का-मुक्की शुरू हो गई।

लाठी-डंडे लेकर भिड़े पक्ष-विपक्ष, पुलिस के पहुंचने तक सभी फरार

बीच-बचाव के बजाय विवाद बाहर ब्लॉक परिसर तक पहुंच गया। वहां लाठी-डंडे निकल आए और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस झड़प में कई लोग घायल हो गए, हालांकि किसी की गंभीर चोट की पुष्टि नहीं हो सकी है। जांच टीम ने जब हालात बिगड़ते देखे तो मौके से भाग निकलने में ही भलाई समझी। सूचना पर पहुंची पुलिस को खाली ब्लॉक परिसर मिला, क्योंकि दोनों पक्ष फरार हो चुके थे।

कुछ दिन पहले आत्मदाह की कोशिश भी कर चुके थे ग्रामीण

गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व जब प्रदेश सरकार की विशेष सचिव संदीप कौर गांव में जांच के लिए पहुंचीं थीं, तभी कुछ ग्रामीणों ने मनरेगा में घोटाले का आरोप लगाते हुए आत्मदाह की कोशिश की थी। उसी प्रकरण की जांच के लिए आई टीम के सामने ही खुलेआम हंगामा और मारपीट ने प्रशासन की तैयारियों और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रशासन जांच में जुटा, दोषियों पर होगी कार्रवाई

पुलिस और प्रशासन अब सीसीटीवी फुटेज और मौजूद कर्मचारियों के बयान के आधार पर मारपीट में शामिल लोगों की पहचान में जुटा है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जांच में बाधा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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