Krishna Janmashtami: सीवान में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर उमड़ा उल्लास, बच्चों ने राधा-कृष्ण बन मोह लिया मन

Share

शिवब्रतशाह मंदिर परिसर में आयोजित हुआ श्रीकृष्ण बाल मेला महोत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गूंजा वातावरण

बिहार डेस्क l केएमपी भारत l पटना

सिवान | जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर शिवब्रतशाह मंदिर का प्रांगण रविवार को उल्लास और श्रद्धा से सराबोर हो गया। अराध्या चित्रकला संस्थान एवं अराध्या पीपल्स फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में दूसरी बार आयोजित श्रीकृष्ण बाल मेला महोत्सव धूमधाम से सम्पन्न हुआ।

दीप प्रज्वलन के साथ हुआ आगाज, बच्चों की अद्भुत प्रस्तुति ने बांधा समा

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में परमिंदर कौर उपस्थित रहे। महोत्सव में छोटे-छोटे बच्चों ने श्रीकृष्ण, राधा, बलराम और सुदामा का रूप धरकर सभी का मन मोह लिया। बाल कलाकारों ने नृत्य और गायन जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिनसे पूरा वातावरण भक्तिमय और उल्लासमय हो गया। दर्शक दीर्घा तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी।

विजेताओं को मिला पुरस्कार, अतिथियों का हुआ सम्मान

इस मौके पर अमनदीप सिंह और परमिंदर कौर ने प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किए। वहीं, अराध्या चित्रकला संस्थान के संस्थापक रजनीश कुमार ने आए हुए अतिथियों को सम्मान पत्र देकर उनका अभिनंदन किया। कार्यक्रमके दौरान रानी कुमारी, राज गुप्ता, अश्वनी शर्मा, सरिता शर्मा, डॉ. अमीषा शर्मा, पूजा गुप्ता, नेहा कुमारी, उत्कर्ष कुमार, पुष्पा गुप्ता, रिशु कुमार, प्रिय गुप्ता, अनोखी कुमारी, अर्जुन प्रजापति, खुशी कुमारी आदि की प्रस्तुतियां काफी सराहनीय रही।

आयोजन समिति और अतिथियों की उपस्थिति

श्रीकृष्ण बाल महोत्सव का संचालन संयोजक बनारस वाले सुनील जी ने किया। मौके पर मनिष कुमार द्विवेदी, गणेश दत्त पाठक, देवाशीष शास्त्री, अक्षत रोशन, बादल ब्याहुत, धनंजय कुमार, रंजीत अग्रहरी, शंभू सोनी, लव प्रताप सिंह, दीपक गुप्ता, तनवीर हुसैन, डॉ. अमीषा शर्मा, पूजा गुप्ता, राजीव रंजन शर्मा, अविनाश कुमार, अरविंद पाठक, अभिषेक श्रीवास्तव, निरंजन श्रीवास्तव और सुनिल अरोड़ा सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

आस्था और संस्कृति का संगम

यह महोत्सव केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि कला और संस्कृति के संगम का मंच बना। बच्चों की मासूम अदाकारी और उत्साह ने जन्माष्टमी को खास बना दिया। श्रद्धालुओं ने कहा कि इस तरह के आयोजन समाज में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना को जीवित रखते हैं।

Share this article

Facebook
Twitter X
WhatsApp
Telegram
 
October 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031