सीतामढ़ी के जमला परसा गांव में बागमती नदी का कटाव बना मुसीबत का सबब
बाढ़ का खतरा बढ़ा, कई परिवारों ने छोड़ा अपना घर
बिहार डेस्क l केएमपी भारत l मुजफ्फरपुर
सीतामढ़ी। अशफाक खान

बागमती नदी का घटते-बढ़ते जलस्तर सुप्पी प्रखंड के जमला परसा गांव में कहर बनकर टूट पड़ा है। नदी के कटाव ने गांव के कई इलाकों को प्रभावित कर दिया है। नदी का पानी लगातार बस्ती की ओर बढ़ रहा है, जिससे लोग अपने घरों और जमीनों को बचाने के लिए जद्दोजहद में जुटे हैं। स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि कई परिवार अपने मकानों को खुद ही तोड़ रहे हैं, ताकि इमारतों के ईंट-पत्थर को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जा सके।
JCB से टूट रहे मकान, पलायन का खतरा
स्थानीय लोगों ने बताया कि कटाव की इस गंभीर समस्या के कारण कई घरों को JCB मशीन से तोड़ना पड़ रहा है। लोगों के पास अपने सामान को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। हर साल मानसून के दौरान बागमती नदी का यह प्रकोप रहता है और गांव के लोग इसकी मार झेलते हैं। इससे पहले भी कई परिवार मजबूर होकर अपने गांव को छोड़ अन्य जगहों पर पलायन कर चुके हैं।
बांध के भीतर बसा है गांव, रोक नहीं पा रहे कटाव
जमला परसा गांव बागमती नदी के बांध के भीतर स्थित है, जिसकी वजह से कटाव की समस्या हर साल बढ़ती जा रही है। प्रशासन द्वारा मानसून से पहले कटाव रोकने के लिए निरोधात्मक कार्य कराए जाते हैं, लेकिन ये प्रयास समस्या का स्थायी समाधान नहीं कर पाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस स्थिति से निपटने के लिए पुनर्वास की आवश्यकता है, ताकि लोगों को इस प्राकृतिक आपदा से राहत मिल सके।
आगे की चुनौती
बागमती नदी के कटाव से निपटने के लिए सरकारी स्तर पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। पुनर्वास योजना के साथ-साथ दीर्घकालिक समाधान तलाशना आवश्यक है, नहीं तो हर वर्ष यह संकट गांववासियों के जीवन और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बनेगा।