बिहार डेस्क l केएमपी भारत l पटना
कैमूर | अजीत कुमार
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग द्वारा चलाए जा रहे विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण (SIR) अभियान में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। कैमूर जिले के मोहनिया विधानसभा क्षेत्र के पिपरिया गांव निवासी 44 वर्षीय मुद्रिका शर्मा को ड्राफ्ट मतदाता सूची में मृत घोषित कर दिया गया है।
बीएलओ को दिए थे दस्तावेज, फिर भी काट दिया नाम
मुद्रिका शर्मा का वोटर आईडी कार्ड वर्ष 2005 में बना था (नंबर BLJ5973714)। उन्होंने बताया कि हाल ही में बीएलओ उनके घर फॉर्म लेकर आई थी। उन्होंने अपनी पत्नी के साथ फॉर्म भरकर सभी जरूरी दस्तावेज भी जमा किए थे। बावजूद इसके जब ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित हुई तो उनके दोस्तों ने बताया कि उनका नाम मृत घोषित कर काट दिया गया है। शर्मा का कहना है कि वे समझ नहीं पा रहे हैं कि अब वे क्या करें और अपने मताधिकार से कैसे वंचित न हों।
विपक्ष ने उठाए सवाल, आयोग पर लगे आरोप
विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष लगातार आयोग पर मतदाता सूची में गड़बड़ियों और वोट चोरी का आरोप लगा रहा है। राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘वोट अधिकार यात्रा’ के दौरान भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जा रहा है। अब कैमूर में जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित कर देने का मामला विपक्ष के आरोपों को और मजबूती देता दिख रहा है।
प्रशासन ने दिया भरोसा
मोहनिया के एसडीएम अनीरुद्ध पांडे ने कहा कि यदि किसी का नाम गलत तरीके से हटा दिया गया है तो संबंधित व्यक्ति बीएलओ से संपर्क कर आवश्यक कागजात जमा करे। सभी पात्र मतदाताओं के नाम अंतिम सूची में फिर से जोड़े जाएंगे।
जीवित इंसान की ‘मौत’ पर आक्रोश
मुद्रिका शर्मा और उनकी पत्नी का कहना है कि इस लापरवाही ने उन्हें गहरी चिंता में डाल दिया है। एक तरफ वे जीवित हैं, दूसरी ओर सरकारी सूची में उन्हें मृत बता दिया गया है। यह सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि हजारों अन्य मतदाताओं के अधिकार से खिलवाड़ का मामला भी हो सकता है।