तीन दिन तक चलने वाली मशाल जिला स्तरीय विद्यालय प्रतियोगिता में 4 खेलों की होगी भिड़ंत
बिहार डेस्क l केएमपी भारत l भागलपुर
सहरसा | विकास कुमार
ग्रामीण और स्कूली प्रतिभाओं को राज्य स्तर तक पहुँचाने के उद्देश्य से शनिवार को सहरसा स्टेडियम में बिहार राज्य खेल प्रतिभा खोज कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। जिले के डीएम दीपेश कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर प्रतियोगिता का उद्घाटन किया। इस अवसर पर जिला खेल पदाधिकारी, विभिन्न प्रखंडों से आए शिक्षक, प्रशिक्षक और दर्जनों स्कूली खिलाड़ी मौजूद थे।
प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक के खिलाड़ी हुए शामिल
कार्यक्रम के तहत मशाल जिला स्तरीय विद्यालय प्रतियोगिता में जिले के सभी प्रखंडों से चयनित खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। इनमें बालक और बालिका वर्ग के खिलाड़ी शामिल हैं, जो लम्बी दौड़, फुटबॉल, वॉलीबॉल, कबड्डी और एथलेटिक्स की विभिन्न विधाओं में अपनी प्रतिभा दिखाएंगे।
राज्य स्तर पर खेलने का मिलेगा मौका
जिला खेल पदाधिकारी ने बताया कि प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का चयन राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि “राज्य सरकार का उद्देश्य है कि गांव के स्तर पर छिपी हुई खेल प्रतिभाओं को पहचानकर उन्हें बड़े मंच पर मौका दिया जाए।” मशाल कार्यक्रम इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें प्रखंड स्तर से चयनित खिलाड़ियों को जिला स्तर पर अपनी क्षमता साबित करने का अवसर दिया जा रहा है।
खिलाड़ियों में उत्साह, दर्शकों में रोमांच
पहले दिन ही मैदान में खिलाड़ियों के जोश और दर्शकों की तालियों ने माहौल को रोमांचक बना दिया। लम्बी दौड़ के मुकाबलों में प्रतिभागियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी, वहीं फुटबॉल और वॉलीबॉल के अभ्यास मुकाबलों ने आने वाले दिनों के लिए रोमांचक तस्वीर पेश कर दी। कबड्डी के मैच में खिलाड़ियों के फुर्तीले मूव्स ने दर्शकों को खूब तालियां बजाने पर मजबूर किया।
तीन दिनों तक चलेगी प्रतियोगिता
यह जिला स्तरीय प्रतियोगिता 10 अगस्त से 12 अगस्त तक चलेगी। हर दिन अलग-अलग खेलों के मुकाबले होंगे और आखिरी दिन विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाएगा। बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के नाम राज्य खेल परिषद को भेजे जाएंगे, जहाँ उन्हें राज्य स्तरीय प्रशिक्षण और प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
ग्रामीण प्रतिभाओं के लिए सुनहरा अवसर
जिले के खेल प्रेमियों का मानना है कि इस तरह के आयोजन से ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे खेलों के प्रति गंभीर होंगे और उन्हें बड़े स्तर पर खेलने का अवसर मिलेगा। कई अभिभावकों ने कहा कि बच्चों को शिक्षा के साथ खेलों में भी करियर बनाने का मौका मिलना चाहिए और राज्य सरकार की यह पहल सराहनीय है।