Ganesh Chaturthi: मिट्टी से गढ़े गणपति: सीवान में बच्चों ने दिखाई कला की चमक

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गणेश चतुर्थी पर आराध्या चित्रकला संस्थान में मूर्ति कला प्रशिक्षण सह प्रतियोगिता आयोजित

बिहार डेस्क l केएमपी भारत l पटना

सिवान। गणेश चतुर्थी को लेकर मंगलवार को शहर के आराध्या चित्रकला संस्थान में मिट्टी कला प्रशिक्षण सह प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया और मिट्टी से भगवान गणेश की आकर्षक प्रतिमाएं बनाईं।

प्रशिक्षकों ने दी तकनीकी सीख

संस्थान की प्रशिक्षिका नेहा कुमारी और मूर्तिकार मिथिलेश कुमार ने बच्चों को प्रतिमा निर्माण की बारीकियां सिखाईं। उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि कैसे मिट्टी की सही तैयारी और संतुलन से कलाकृति को मजबूती और सुंदरता मिलती है। प्रशिक्षकों ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएं बच्चों को कला के प्रति गंभीर बनाती हैं और उनमें आत्मविश्वास जगाती हैं।

बच्चों की प्रतिभा निखरी

प्रतियोगिता में पुष्पा गुप्ता, रिशु कुमार, निशा कुमारी, अतुल कुमार, अनोखी पांडेय और अदिति कुमारी सहित कई छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। प्रतिभागियों ने एक से बढ़कर एक प्रतिमाएं बनाईं। निर्णायकों ने उत्कर्ष कुमार को प्रथम, विष्णु कुमार को द्वितीय और नवीन कुमार को तृतीय स्थान पर चुना। विजेताओं का उत्साह देखने लायक था।

सम्मान और प्रेरणा

कार्यक्रम के दौरान संयोजक सुनील अरोड़ा ने प्रशिक्षक मिथिलेश कुमार को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मिथिलेश कुमार ने कहा कि ऐसे आयोजन से कला और कलाकारों को नई दिशा मिलती है। वहीं, सुनील अरोड़ा ने बताया कि टेराकोटा कला सिवान की पहचान है। यहां की मिट्टी की खासियत यही है कि इससे बनी कलाकृतियां लंबे समय तक टिकाऊ रहती हैं।

सिवान की मिट्टी का अलग महत्व

प्रशिक्षिका नेहा कुमारी ने कहा कि सिवान की मिट्टी विशेष गुणों वाली है। यहां से बनी कलाकृतियां उच्च तापमान पर भी अपनी मजबूती बनाए रखती हैं। यही कारण है कि सिवान की मिट्टी से बनी ज्वेलरी और खिलौने आज भी अपनी खनक और आकर्षण के लिए पहचाने जाते हैं।

संस्थान ने आश्वासन दिया कि वह भविष्य में भी ऐसी प्रतियोगिताओं का आयोजन करता रहेगा ताकि परंपरागत कला को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके।

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