गोरखपुर-सोनौली हाइवे : गूगल मैप ने फंसाया, निर्माणाधीन ओवरब्रिज से नीचे गिरी कार

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रविवार देर रात हुआ हादसा, संकेतक बोर्ड नहीं था लगा; कार में सवार चार लोग बाल-बाल बचे, मामूली चोटें आईं

केएमपी भारत। आनंदनगर (महराजगंज)।
गोरखपुर-सोनौली हाईवे पर रविवार की रात एक बड़ा हादसा टल गया, जब गूगल मैप के चक्कर में तेज रफ्तार कार निर्माणाधीन ओवरब्रिज से नीचे जा गिरी। घटना रात करीब 1 बजे की है, जब भैया फरेंदा चौराहे के पास ओवरब्रिज निर्माणाधीन स्थल पर दिशा सूचक या चेतावनी बोर्ड न होने के चलते कार सीधे अधूरे पुल से नीचे गिर गई। हादसे में कार सवार चार लोग बाल-बाल बच गए। उन्हें मामूली चोटें आईं और प्राथमिक देखरेख के बाद वे अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए।

गूगल मैप ने दिखाई अधूरी राह, सीधे गिरी नीचे
बताया जा रहा है कि कार सवार लोग सोनौली की तरफ जा रहे थे और रास्ते के लिए गूगल मैप का सहारा ले रहे थे। जैसे ही कार भैया फरेंदा चौराहे के पास पहुंची, गूगल मैप ने अधूरे ओवरब्रिज की राह दिखा दी। दिशा संकेतक या चेतावनी बोर्ड की कमी के चलते ड्राइवर को समय रहते कुछ समझ नहीं आया और कार सीधे अधूरे पुल से नीचे जा गिरी।

स्थानीय लोगों ने बचाई जान, मौके पर मचा हड़कंप
कार गिरते ही आसपास के इलाके में चीख-पुकार मच गई। घटनास्थल के पास मौजूद स्थानीय लोगों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर कार सवार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। सौभाग्यवश ओवरब्रिज की ऊंचाई कम थी, जिससे बड़ा हादसा टल गया।

पीएनसी कंपनी बना रही ओवरब्रिज, सुरक्षा मानकों की अनदेखी
गोरखपुर-सोनौली हाईवे के चौड़ीकरण और ओवरब्रिज निर्माण का काम पीएनसी कंपनी द्वारा किया जा रहा है। गोरखपुर की ओर ओवरब्रिज का काम पूरा हो चुका है, लेकिन सोनौली की तरफ कार्य अभी जारी है। निर्माणाधीन स्थल पर कोई चेतावनी बोर्ड या संकेतक नहीं लगाया गया था, जिससे यह हादसा हुआ।

कार लखनऊ रजिस्टर्ड, मालिक हारिश सिद्दीकी को सौंपा गया वाहन
कार गोरखपुर जिले के खोराबार थाना क्षेत्र के जंगल रामगढ़ उर्फ चौरी निवासी हारिश सिद्दीकी के नाम रजिस्टर्ड है। वर्तमान में वह लखनऊ के श्यामकुंज कॉलोनी, खुर्रमनगर में रहते हैं। हादसे के बाद पुलिस ने कार को सुरक्षित निकाल कर मालिक को सौंप दिया है।

पुलिस ने ठेकेदार को लगाई फटकार, चेतावनी बोर्ड लगाने के निर्देश
थानाध्यक्ष प्रशांत पाठक ने बताया कि हादसे में किसी के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना नहीं है। उन्होंने बताया कि कार्यदायी संस्था को निर्माणाधीन क्षेत्र में चेतावनी संकेतक बोर्ड लगाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

लोगों की जान से हो रहा खिलवाड़, प्रशासन की निष्क्रियता उजागर
इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि निर्माण कार्यों के दौरान सुरक्षा मानकों का कितना पालन हो रहा है। चेतावनी बोर्ड का न होना और गूगल मैप की गलत दिशा-निर्देशन ने मिलकर चार जिंदगियों को खतरे में डाल दिया। अगर पुल की ऊंचाई अधिक होती, तो बड़ा हादसा हो सकता था।

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