छात्र राजनीति से संगठन के पन्नों तक, सियासी सफर में कई अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं कुशवाहा
केएमपी भारत। सीवान :
भारतीय जनता पार्टी के लघु उद्योग प्रकोष्ठ के जिला संयोजक वीर बहादुर सिंह कुशवाहा ने आगामी विधानसभा चुनाव में सिवान सदर विधानसभा क्षेत्र (105) से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। सिवान नगर परिषद के वार्ड नंबर 8 के निवासी कुशवाहा ने कहा कि यदि पार्टी ने उन्हें मौका दिया, तो वे इस बार सीट जीतकर भाजपा का परचम लहराएंगे।
1988 से सक्रिय, पार्टी संगठन में निभा चुके हैं कई दायित्व
वीर बहादुर सिंह कुशवाहा का राजनीतिक सफर वर्ष 1988 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से शुरू हुआ, जब वह सिवान इकाई के नगर सह मंत्री के रूप में सक्रिय हुए। इसके बाद 1993 में वे भारतीय जनता पार्टी के स्थाई सदस्य बने।
उनका संगठन में योगदान लगातार जारी रहा और वह दो बार पचरुखी प्रखंड के भाजपा अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके साथ ही वर्ष 2005 में उन्हें पचरुखी प्रखंड के 20 सूत्री कार्यक्रम का अध्यक्ष भी बनाया गया था।

“पार्टी ने मौका दिया तो जीत तय है” — कुशवाहा
अपने चुनावी मंसूबों को लेकर कुशवाहा ने दावा किया कि यदि पार्टी उन्हें प्रत्याशी बनाती है, तो वह विपक्ष को कड़ी टक्कर देंगे और जीत भाजपा की झोली में जाएगी। उन्होंने कहा कि जनता के बीच उनकी पकड़ मजबूत है और वे वर्षों से जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।
टिकट के कई दावेदार मैदान में, भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण होगा चयन
बता दें कि सिवान सदर विधानसभा सीट से भाजपा के कई दिग्गज नेता और उनके परिजन टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। इनमें पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व्यास देव प्रसाद के पुत्र मुकेश कुमार बंटी, पूर्व सांसद ओम प्रकाश यादव और उनके पुत्र हैप्पी यादव, साथ ही श्रीमती अनुराधा गुप्ता जैसे नाम शामिल हैं।
पार्टी नेतृत्व के लिए यह तय करना आसान नहीं होगा कि किसे टिकट दिया जाए। ऐसे में कुशवाहा की उम्मीदवारी ने राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा को जन्म दे दिया है।
संगठन के पुराने चेहरे और सादगीभरे कार्यकर्ता के रूप में है पहचान
कुशवाहा का चेहरा सिवान की राजनीति में नए दावेदार के तौर पर नहीं बल्कि संगठन के पुराने और समर्पित कार्यकर्ता के रूप में देखा जाता है। वे अब अपने वर्षों के अनुभव और संगठनात्मक ताकत के बल पर विधानसभा की राजनीति में कदम रखने को तैयार हैं। मालूम हो कि सिवान सदर सीट पर इस बार मुकाबला रोचक होने जा रहा है। भाजपा के लिए यह देखना दिलचस्प होगा कि वह अपने पुराने समर्पित कार्यकर्ता को तरजीह देती है या किसी स्थापित नाम को मैदान में उतारती है।